रैणी - तपोवन में राहत एवं रेस्क्यू कार्य युद्ध स्तर पर जारी, रविवार को अलग-अलग स्थानों पर मिले 12 शव - संजय कुंवर रैणी तपोवन

 तपोवन आपदा  प्रभावित क्षेत्र में आज भी राहत एवं रेस्क्यू कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।  रविवार को अलग-अलग स्थानों से 12 लोगों के शव बरामद किए गए। तपोवन टनल में 5 शव तथा रैणी क्षेत्र  में 7 शव बरामद किए गए।  

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया निरंतर स्थलीय निरीक्षण कर सर्च आप्रेशन का जायजा ले रही है।उन्होंने रैणी एवं तपोवन टनल में युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन  में लापता लोगों के शव बरामद होने पर टीम को इसी तरह कार्य में तेजी लाने को कहा।


 प्रात: काल के समय टनल में शव बरामद होने की सूचना पर जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया एवं पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने संबंधित अधिकारी के साथ टनल के भीतर रेस्क्यू कार्य का जायजा लिया तथा बरामद शवों को पहचान एवं पोस्टमार्टम के लिए भेजने के निर्देश दिए। इसके बाद जिलाधिकारी रैणी पहुंचे जहां उन्होंने रेस्क्यू कार्य का जायजा लिया। 

तपोवन बैराज परिसर में दोनों और पोकलैंड, जेसीबी मशीनें युद्ध स्तर पर कार्य कर रही हैं। जबकि बाढ़ प्रभावित  नदी किनारे में जिला प्रशासन के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम द्वारा खोजबीन कार्य गतिमान है।जिलाधिकारी ने कहा रैणी क्षेत्र में जिला प्रशासन नेतृत्व में एनडीआरएफ की टीम लगाकर मलवे में लापता लोगों की तलाश करायी जा रही है। 

रविवार को मिले शवों की शिनाख्त इस प्रकार  है।  आलम सिंह पुत्र सुन्दर सिह, निवासी टिहरी गढवाल, अनिल पुत्र भगत निवासी कालसी देहरादून,जीतेंद्र कुमार पुत्र देशराज निवासी जम्बू कश्मीर, शेष नाथ पुत्र जय राम निवासी फरीदाबाद, जितेंद्र धनाई पुत्र मतवार सिंह निवासी टिहरी,


सूरज ठाकुर पुत्र श्रीनिवास रामपुर कुशीनगर, जुगल किशोर पुत्र राम कुमार निवासी पंजाब, राकेश कपूर  पुत्र रोहन राम निवासी  हिमाचल प्रदेश, हरपाल सिंह पुत्र बलवंत सिंह निवासी चमोली, वेद प्रकाश पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी गोरखपुर, धनुर्धारी पुत्र राम ललित सिंह निवासी गोरखपुर के रहने वाले थे। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि आपदा में लापता 206 लोगों में से अभी तक 50 लोगों के शव  विभिन्न स्थानों से बरामद हुए हैं। साथ ही दो लोग पहले जिन्दा मिले थे। अब 154 लोग लापता चल रहे हैं जिनकी तलाश जारी है।


रविवार को जिले में 2 पूर्ण शव और 4 मानव अंगों का नियमानुसार 72  घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया।वही दूसरी ओर जिला प्रशासन आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राशन किट, मेडिकल  एंव अन्य रोजमर्रा की जरूरतों की आपूर्ति करने में दिनरात जुटा है। प्रभावित गांवों में हालात सामान्य होने लगे है।


तपोवन में ट्राली से आवाजाही सुचारू ढंग से चल रही है। जुगजू में भी लोनिवि द्वारा ट्राली लगाने का काम जारी है। 

रैणी पल्ली में भी ब्रिज निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है।यहां पर क्षत्रिग्रस्त पेयजल लाईन को अस्थायी तौर पर ठीक किया गया है। मेडिकल टीम प्रभावित क्षेत्रों में कैंप लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है।

अब तक 998 मरीजों का उपचार किया गया।


हैली से इधर उधर फंसे 445 लोगों को उनके गतंव्य तक भेजा गया



प्रभावित परिवारों में अब तक 515 राशन किट बांटे जा चुके हैं। जबकि  36 सोलर लाइट उपलब्ध कराई गई। पशुपालन विभाग द्वारा रैणी में 25 फीड ब्लाक बांटे गए।

जिलाधिकारी ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में 8 मृतकों के परिजनों तथा चार घायलों को सहायता राशि और एक परिवार को गृह अनुदान राशि दी गई। वहीं जिला प्रशासन के अधिकारी/ कर्मचारी द्वारा प्रभावित गाव में पहुंच कर उनकी कुशलक्षेम पूछी गई।

तपोवन घटना स्थल पर गढ़वाल मंडल आयुक्त  रविनाथ रमन, डीआईजी आईटीबीपी अपर्णा सिंह,डीआईजी पुलिस नीरू गर्ग, एनडीआरएफ के कमांडर पी के. तिवारी, एसडीआरएफ के कमांडर नवनीत भुल्लर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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