ऊखीमठ : केदार घाटी के अधिकांश इलाकों में सर्द हवाओं के चलने तथा मौसम के मिजाज बदलने से केदार घाटी एक बार भी शीतलहर की चपेट में आ गई है।आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले में मेघ बरसने की सम्भावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।

बता दे कि इस बार मौसम के अनुकूल बर्फबारी व बारिश न होने से काश्तकारों में मायूसी छाई हुई है। भले ही विगत वर्ष 27 सितम्बर, 16 नवम्बर, 11 दिसम्बर तथा इस वर्ष 6 जनवरी को हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश तो हुई है मगर मौसम के अनुकूल बर्फबारी व बारिश न होने से काश्तकारों की फसलों को खासा नुकसान हो चुका है। रविवार को सम्पूर्ण केदार घाटी में अचानक मौसम के मिजाज बदलने तथा सर्द हवाओं के चलने से सम्पूर्ण केदार घाटी में अत्यधिक ठंड महसूस होने लगी है। आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश हो सकती है। और यदि मौसम के अनुकूल हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश होती है तो काश्तकारों के चेहरे पर रौनक लौट सकती है। मनसूना क्षेत्र के काश्तकार प्रदीप राणा ने बताया कि इस बार मौसम के अनुकूल बर्फबारी व बारिश न होने से काश्तकारों की गेहूं, जौ, सरसों, मटर की फसलों को खासा नुकसान हुआ है। ग्रामीण गजपाल भटट् ने बताया कि सम्पूर्ण केदार घाटी में मौसम के मिजाज बदलने तथा सर्द हवाओं के चलने से अत्यधिक ठंड महसूस होने लगी है। ग्रामीण मदन भटट् ने बताया कि आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश हो सकती है!