ऊखीमठ : केदार घाटी में हो रही अघोषित विद्युत कटौती से उपभोक्ताओं में विभाग के प्रति आक्रोश बना हुआ है। उपभोक्ताओं का कहना है कि एक तरफ केदार घाटी का जनमानस कड़ाके की ठंड से से गुजर रहा है दूसरी तरफ विद्युत विभाग द्वारा लगातार विद्युत कटौती करने से जनता की जीना दूभर हो गया है। सम्पूर्ण केदार घाटी में विद्युत विभाग द्वारा अघोषित विद्युत कटौती किये जाने से विद्युत व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों, बैकिंग कार्य बाधित होने के साथ ही नौनिहालों के पठन - पाठन पर भी खासा असर पड़ रहा है। विदित हो कि विद्युत विभाग द्वारा केदार घाटी में लम्बे समय से विद्युत कटौती की जा रही है! विभाग द्वारा विद्युत कटौती करने का कोई समय निर्धारित नहीं किया गया है! सांय छह बजे विद्युत कटौती होना आम बात बनी हुई है इसके अलावा दिनभर मे कभी भी विद्युत कटौती हो सकती है इसके लिए विभाग द्वारा कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गयी है!
उपभोक्ताओं का कहना कि केदार घाटी में लगातार विद्युत कटौती होने से विद्युत व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों तथा बैकिंग के कार्य अधिक प्रभावित हो रहें है तथा नौनिहालों का पठन - पाठन खासा प्रभावित हो रहा है! मदमहेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भटट् का कहना है कि कोविड 19 के कारण 10 वी व 12 वी की कक्षायें संचालित हो रही है शेष कक्षाओं के नौनिहालों घरों में आनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं मगर विद्युत विभाग द्वारा निरन्तर विद्युत कटौती किये जाने से आनलाइन पढाई करने वाले नौनिहालों की पढाई भी प्रभावित हो रही है! मनसूना के व्यापारी प्रदीप राणा का कहना है कि विद्युत व्यवसाय से जुड़े व्यापारी को पहले कोविड 19 के लांकडाउन का सामना करना पड़ा अब विद्युत विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा। गडगू निवासी दलवीर नेगी का कहना है कि समूची केदार घाटी शीतलहर की चपेट में है तथा दूसरी तरफ अघौषित विधुत कटौती होना समझ से परे। पर्यटक गाँव सारी के होम स्टे संचालक दिलवर सिंह का कहना है कि क्षेत्र में हो रही अघोषित विद्युत कटौती से क्षेत्र का पर्यटन व्यवसाय भी खासा प्रभावित हो रहा है! प्रधान पल्द्वाणी शान्ता रावत का कहना है कि विद्युत विभाग को विद्युत कटौती का समय निर्धारित करना चाहिए तथा मौसम के अनुकूल वैसे कटौती होने चाहिए।