ऊखीमठ : तहसील मुख्यालय में विगत कई माह से स्थाई उपजिलाधिकारी व तहसीलदार की नियुक्ति न होने से मदमहेश्वर घाटी व कालीमठ घाटी में अवैध खनन जारी है।
जबकि निजी भूमि के पट्टों के सरकारी दफ्तरों में कैद रहने से सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। उपजिलाधिकारी व तहसीलदार की स्थाई नियुक्ति न होने से खनन माफिया बेखौफ नदियों में खनन कर खूब चांदी काट रहे हैं। बता दें कि ऊखीमठ तहसील में विगत कई माह से उपजिलाधिकारी व तहसीलदार का पद रिक्त होने से जखोली के उपजिलाधिकारी व बसुकेदार के तहसीलदार को यहाँ का अतिरिक्त भार सौपा गया है। तहसील में उपजिलाधिकारी व तहसीलदार की स्थाई नियुक्ति न होने से खनन माफिया मदमहेश्वर घाटी की मधु गंगा व कालीमठ घाटी की सरस्वती नदी में बेखौफ खनन कर खूब चांदी काट रहे है। स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा दोनों क्षेत्रों में हो रहे अवैध खनन पर अंकुश लगाने के प्रयास तो किये जा रहे है मगर खनन वाला भूभाग राजस्व पुलिस के पास होने से खनन माफिया दिन दहाड़े खनन कर रहे हैं, नाम न छापने की शर्त पर मदमहेश्वर घाटी के ग्रामीणों ने बताया कि मधु गंगा में बिना रोक टोक के अवैध खनन जारी है जिससे प्रदेश सरकार व स्थानीय प्रशासन को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि खनन माफियाओं द्वारा मधु गंगा में अवैध खनन कर लाखों रुपये की चांदी काटी जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ स्थानीय लोगों द्वारा निजी भूमि पर खनन पट्टों के लिए आवेदन तो कर रखा है मगर निजी आवेदनों के सरकारी फाइलों में कैद रहने से खनन माफिया मधु गंगा में जमकर अवैध खनन कर रहे है।