ऊखीमठ : पीएमजीएस वाई ऊखीमठ - उनियाणा - रासी मोटर मार्ग के रख - रखाव पर लाखों रुपये व्यय होने के बाद भी मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है। विगत दिनों विभाग द्वारा मोटर मार्ग के कुछ स्थानों पर पेंच भरकर लाखों रुपये का वारा - न्यारा किया गया मगर कई स्थानों पर पेचों के उखड़ने से विभाग की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है।
स्थानीय जनता द्वारा लम्बे समय से मोटर मार्ग के सुधारीकरण की मांग तो की जा रही है मगर विभागीय अधिकारी जनता की आवाज सुनने को राजी नहीं हैं। बता दें कि ऊखीमठ - उनियाणा - रासी मोटर मार्ग हमेशा से विवादों में रहा है। पी एम जी एस वाई द्वारा मोटर मार्ग के रख - रखाव पर प्रति वर्ष लाखों रुपये व्यय करने के बाद भी मोटर मार्ग की स्थिति जर्जर होने से राहगीरों को जान हथेली पर रखकर आवाजाही करने पड़ रही है! स्थानीय जनता की मांग पर विगत दिनों विभाग द्वारा लाखों रुपए की लागत से मोटर मार्ग के कुछ हिस्सों में पैच भरने का कार्य तो किया गया मगर पेचों के उखड़ने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है। जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने बताया कि मोटर मार्ग अधिकाश स्थानों पर जानलेवा बना हुआ है जिससे मदमहेश्वर घाटी के दर्जनों गाँव के सैकड़ों ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर सफर तय करना पड़ रहा है। मदमहेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भटट् का कहना है कि विगत दिनों विभाग द्वारा मोटर मार्ग के रख - रखाव पर लाखों रुपये व्यय तो किये गये मगर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से मोटर मार्ग कई स्थानों पर गढडो में तब्दील हो चुका है। मन्दिर समिति के पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत ने बताया कि विभाग द्वारा मोटर मार्ग के रख - रखाव पर करोड़ों रुपये व्यय करने के बाद भी मोटर मार्ग पर सफर करना जोखिम भरा है क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह राणा ने बताया कि ऊखीमठ - मनसूना के मध्य मोटर मार्ग सबसे अधिक जानलेवा बना हुआ है! वही दूसरी ओर विभागीय अधिकारियों से सम्पर्क करना चाहा मगर सम्पर्क नहीं हो पाया।