ऊखीमठ : अपने दायित्वों का निर्वहन ही शहीदों के प्रति असली श्रद्धांजलि : मनुज गोयल
कोविड -19 की गाइडलाइंस के अनुसार दो गज की दूरी, फेस मास्क कवर, सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुय जिले में विजय दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शहीदों का स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि एवं श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये।
गुलाबराय मैदान रूद्रप्रयाग में विजय दिवय के अवसर पर आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी मनुज गोयल ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की समृति में 16 दिसम्बर को विजय दिवस मनाया जाता है। कहा कि हम सब अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी एवं निष्ठा से करें, यही हमारी शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि यह दिन हमारे लिये प्रतीकात्मक है क्योंकि इस दिन हमने मुक्ति वाहनी सेना के साथ मिलकर पूर्वी बंगला देश को मुक्त कराया था।
समारोह में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (अ0प्रा0) आर एल थापा ने 16 दिसम्बर को विजय दिवस के रूप में मनाये जाने के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच माह दिसम्बर,1971 में (पूर्व पाकिस्तान बंगलादेश) लडाई लडी थी। भारतीय फौज ने 14 दिनों के भीषण युद्ध के दौरान पाकिस्तानी फौज को परास्त किया। पूर्वी पाकिस्तान को पाकिस्तानी फौज के चंगुल से मुक्त कराया, जो वर्तमान में बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य साहस का प्रर्दशन किया। इस अभियान में वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी। भारतीय सेना के अदम्य साहस एवं वीरता के लिये पूरे देश के साथ-साथ उत्तराखण्ड राज्य में भी प्रत्येक वर्ष 16 दिसम्बर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।इस अवसर पर जिलाधिकारी मनुज गोयल ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में जिले के शहीद दरवान सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती कांता देवी निवासी गडोरा को शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया। वहीं युद्ध के प्रत्यक्ष दर्शी राइफल मैन दयाल सिंह को भी शाॅल भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर, अपरजिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह, सहायक जिला सैनिक कल्याण अधिकारी रविन्द्र सिंह रावत, उपजिलाधिकारी सदर वृजेश तिवारी, सहायक अभियंता लोनिवि अजय थपलियाल व अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।