जनपद के 06 प्रसव केंद्र होंगे सुदृढ़।
मातृत्व व बाल सुरक्षा को दी जाएगी प्राथमिकता।
कोई भी गर्भवती महिला एनीमिक न हो इसके लिये सभी गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन जांच की जाएगी ।
उपचार हेतु ससमय निःशुल्क दवाई दी जाएगी।
गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की जीवन सुरक्षा के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएगी।
जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी मनुज गोयल की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि हर गर्भवती महिला को सुरक्षित मातृत्व की गारंटी मिले, इसके लिए सरकार द्वारा हाल ही में सुमन योजना (सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना ) प्रारम्भ की गई है जिसमे जनपद के 06 प्रसव केंद्रों को सुविधाओं से लैस किया जाय। योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं की कम से कम चार प्रसव पूर्व जांच की जाएगी जिसमें निशुल्क हीमोग्लोबिन जांच व अल्ट्रासाउंड की सुविधा रहेगी तथा सुरक्षित प्रसव के बाद नवजात शिशु की 06 बार घर जाकर देखभाल का प्रावधान है। इस योजना के तहत जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जखोली व अगस्त्यमुनि, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फाटा, ऊखीमठ व चंद्रनगर शामिल है।
बैठक में जिलाधिकारी ने जनसामान्य की सुविधा हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी को अतिरिक्त अल्ट्रासाउंड मशीन की डिमांड का प्रस्ताव शासन को प्रेषित करने को कहा। कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम(आरबीएसके) के तहत सभी स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाय। जनपद में आर.बी.एस.के. की 05 टीम कार्यरत है, प्रति टीम को प्रतिदिन लगभग 50 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करने का लक्ष्य दिया। कहा कि आरबीएसके की टीम के द्वारा जिला चिकित्सालय व डी आई सी में रेफर किये जा रहे बच्चों से समय समय पर फॉलो अप किया जाय जिससे बच्चों का समुचित शारीरिक विकास हो सके, स्वास्थ्य विभाग को जनपद की आशा व आगनवाड़ी कार्यकत्रियों को जागरूक करने हेतु काउंसलिंग करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सीएमओ डॉ बीके शुक्ला, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एल एस दानू, वरिष्ठ कोषाधिकारी गिरीश चन्द्र, डॉ डी एस रावत, डॉ जितेंद्र नेगी, डॉ आशुतोष सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।