ढोंर थाल और ढोल - दमांऊ की थाप पर नृत्य करते देवता - पहाड़ रफ्तार

 ढोंर थाल और ढोल - दमांऊ की थाप पर नृत्य करते देवता 

पहाड़ों में हर वर्ष मार्गशीर्ष - पूस माह में गांवों में लोग अपने-अपने देवताओं को प्रसन्न करने के लिए नृत्य कराते हैं। आजकल सीमांत गांवों में कहीं पांडव लीला, बगडवाल नृत्य, नृरसिंह, भैरवनाथ देवता नाच रहे हैं।     



देवभूमि उत्तराखंड के कण - कण में देवताओं का वास है। इसलिए इसे देवभूमि के रूप में जाना जाता है। हमारी संस्कृति और आस्था के प्रतीक हमारे देवी देवताओं का हमेशा हम पर कृपा बनी रहती है। इसलिए पहाड़ों में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए नचाते हैं। दशोली ब्लाक के मठ गांव में मंगलवार से भैरवनाथ, नृरसिंह देवता ढोंर थाल की धुन पर नाच रहे हैं। कुंवर बंधुओं द्वारा अपने देवताओं को प्रसन्न और अपनी मनोकामना के लिए देव नृत्य कराए जा रहे हैं। गांव व क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में देवता के दर्शन के लिए ‌पहुंच रहे हैं।