शीतकाल के लिए द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट हुए बंद - लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ

ऊखीमठ : पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात व उच्च हिमालय श्रृंखला में विराजमान भगवान मदमहेश्वर के कपाट गुरूवार को पौराणिक परम्पराओं के अनुसार वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ प्रातः 7:30 बजे शीतकाल के लिए बन्द कर दिये गये।कपाट बन्द होने के पावन अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु साक्षी बने।


कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गाँव पहुंच गयी है तथा 22 नवम्बर को डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी तथा 23 नवम्बर से भगवान मदमहेश्वर की शीतकालीन पूजा विधिवत शुरू होगी! गुरुवार को ब्रह्म बेला पर मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग ने पंचाग पूजन के तहत भगवान मदमहेश्वर सहित तैतीस कोटि देवी - देवताओं का आवाहन किया तथा श्रद्धालुओं ने भगवान मदमहेश्वर के स्वयभू लिंग पर जलाभिषेक कर मनौती मांगी। ठीक छह बजे से भगवान मदमहेश्वर के स्वयभू लिंग को चन्दन, भस्म, पुष्प, अक्षत्र, भृगराज से समाधि दी गयी तथा भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली का विशेष श्रृंगार किया गया!


ठीक 7:30 बजे पौराणिक परम्पराओं व रीति- रिवाजों के अनुसार वैदिक मंत्रोंच्चारण के साथ भगवान मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बन्द कर दिये गये। कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर विश्व कल्याण के लिए समाधि में लीन हो गये तथा शीतकाल के छ: माह देवता भगवान मदमहेश्वर की पूजा करेंगे। कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली व साथ चलने वाले देवी - देवताओं के निशाणो ने मन्दिर की तीन परिक्रमा की तथा भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली कैलाश से अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ के लिए रवाना हुई। भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के मैखम्भा, कूनचटटी, नानौ, खटारा, बनालोली यात्रा पड़ावों के आगमन पर श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया तथा डोली के गौण्डार गाँव आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। शुक्रवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गाँव से रवाना होकर द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी गाँव पहुंचेगी। इस मौके पर भण्डारी मदन सिंह पंवार, राजीव भटट्, भगवती शैव, मुत्यु जय हिरेमठ, मनीष तिवारी, रवि भटट्, आलम सिंह पंवार,भगत सिंह पंवारबीरेन्द्र सिंह पंवार, बीर सिंह पंवार सहित सैकड़ों श्रद्धालु व हक - हकूकधारी मौजूद थे।