ऊखीमठ : केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की रेंज ऊखीमठ गुप्तकाशी के अन्तर्गत विगत तीन वर्षों में पैदल मार्गों के रख - रखाव पर लाखों रूपये व्यय होने के बाद भी पैदल मार्ग जानलेवा बने हुए हैं। विभागीय सूत्रों की माने तो पैदल मार्गों के रख - रखाव पर कम तथा अधिकारियों की जेबों में मोटा कमीशन जाने से अधिक व्यय हुआ है। पैदल मार्गों के रख - रखाव के लिए विभाग द्वारा किसी प्रकार की निविदाएं आमन्त्रित करने के बजाय अपने ही चेहतों को काम का जिम्मा दिये जाने से केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है।
सूचना अधिकार अधिनियम के तहत दी गयी जानकारी के अनुसार केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की रेंज ऊखीमठ गुप्तकाशी के अन्तर्गत विगत तीन वर्षों में पैदल सम्पर्क मार्गो के रख - रखाव पर भारी धनराशि व्यय होने के बाद भी पैदल सम्पर्क मार्गों की स्थिति जर्जर बनी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में चौमासी - खाम - मनणी 75458, मदमहेश्वर - पाण्डव सेरा- नन्दीकुण्ड 76480, रामबाडा - खाम 60952, बुरुवा - टिगरी 94785 तथा त्रियुगीनारायण - केदारनाथ 1142000 रुपये व्यय किये गये है जबकि वित्तीय वर्ष 2018-19 में चौमासी - खाम - मनणी 657000, बुरुवा - बिसुणीताल 210238 रुपये व्यय तो किये गये है मगर पैदल मार्गो के रख - रखाव पर भारी धनराशि व्यय होने के बाद भी पैदल सम्पर्क मार्गो की स्थिति जर्जर बनी हुई है।पैदल सम्पर्क मार्गो पर व्यय हुई धनराशि के लिए विभाग द्वारा निविदाएं क्यों आमन्त्रित नहीं की गयी यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है! केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के सूत्रों की माने तो पैदल सम्पर्क मार्गों के रख - रखाव पर कम तथा विभागीय अधिकारियों के कमीशन पर अधिक व्यय होने के कारण पैदल मार्गों की स्थिति जर्जर बनी हुई है।