एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार प्रदूषण को लेकर कठोर कानून लाने की तैयारी कर रही है और अध्यादेश ले कर आयी है।
वहीं दूसरी तरफ ग्रीन ट्रिव्यूनल के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए जोशीमठ के प्रवेश द्वार पर नगरपालिका का कूड़ा भण्डार दुर्गन्ध तो पैदा कर ही रहा है जिससे आये दिन भालुओं के कई झुंड इस कूडा घर में दावत उड़ाने पहुँच रहे हैं। साथ ही यहाँ खुले में कूडा जलकर जहरीला धुआं का गुबार पर्यावरण को प्रदूषित भी कर रहा है। लेकिन महज 100 मीटर के दायरे में नंदा देवी नेशनल पार्क की चैक पोस्ट होने के बावजूद वन विभाग आज तक इस और कभी ध्यान नही दे सका है।
वर्षों से नगर के प्रवेश द्वारा पर कूड़ा भण्डारण और उसे धड़ल्ले से जलाया जा रहा है परंतु मजाल की नगरपालिका परिषद् कूड़ा भण्डारण की समुचित व्यवस्था कर सके और न ही सरकारें इस ओर ध्यान दे रही है। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक और चार धाम के तीर्थयात्री इसी दुर्गंध भरे मार्ग से जाने के लिए मजबूर हैं कोई सुनने वाला नहीं है जो की काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं सरकारें स्वच्छता का पुरस्कार देते जा रहें हैं। जिससे पालिका का हौसला बढ़ता जा रहा है। इसलिए भी पालिका का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।