ऊखीमठ : पर्यटक गाँव के नाम से विख्यात सारी गाँव से भगवती नन्दा भावुक क्षणों के साथ विदा हो गई है। महिलाओं ने पौराणिक जागरों व धियाणियो ने पुष्प अक्षत्रों से सारी गाँव से दूर खेत - खलिहानों भगवती नन्दा को विदा किया। भगवती नन्दा के विदा होते समय धियाणियों की आंखे छलक उठी।
देर सांय भगवती नन्दा के मक्कू गाँव पहुंचने पर भगवती नन्दा जगत कल्याण के लिए तपस्यारत हो गयी। शुक्रवार को सारी गाँव में पुजारी रामचंद्र भटट् ने ब्रह्म बेला पर भगवती नन्दा सहित तैतीस कोटि देवी - देवताओं का आवाह्न कर आरती उतारी तथा भगवती नन्दा को भोग अर्पित किया गया। ढोल नगाडों की मधुर धुनों पर भगवती नन्दा की विदाई क्षण बहुत ही भावुक रहा। नर्मदा देवी, रामेश्वरी देवी, कुब्जा देवी व शारदा देवी ने ' पैटिगे नन्दा अब तू ससुराल, राजी खुशी रैक फिर बुलोला मैत, नन्दा भवानी तेरो च पौदू पल्लाण, मैतियो पूजैली पठेली, जैसे मार्मिक जागरों से भगवती नन्दा की विदाई की। भगवती नन्दा के विदा होते ही ग्रामीणों, धियाणियों सहित नर - नारियों का हुजूम उमड़ पड़ा। भगवती नन्दा के पंचायत चौक पहुंचने पर भगवती नन्दा नर रूप में अवतरित हुई तथा ग्रामीणों व धियाणियों को आशीष दिया। भगवती नन्दा के नर रूप में अवतरित होते ही भगवती नन्दा के जयकारों से सारी गाँव गुंजायमान हो उठा। भगवती नन्दा के विदा होते ही महिलाओं व धियाणियों की आंखे छलक उठी। महिलाओं व धियाणियों ने गाँव से दूर खेत - खलिहानों तक भगवती नन्दा को विदा किया तो भगवती नन्दा भी दूर - दूर तक अपने मायके की राह निहारती रही। देर सांय भगवती नन्दा के मक्कू गाँव पहुंचने पर भगवती नन्दा जगत कल्याण के लिए तपस्यारत हो गयी।
जानकारी देते हुए गजपाल भटट् ने बताया कि काण्डा, उषाडा, दैडा व सारी गाँव भगवती नन्दा के मायके माने जाते है! उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष भगवती नन्दा शरादीय नवरात्रों में अष्टमी पर्व पर मक्कू गाँव से मायके के लिए रवाना होती है तथा विभिन्न गावों का भ्रमण कर ग्रामीणों व धियाणियों को आशीष देती है। भगवती नन्दा के पश्वा अंकित नेगी ने बताया कि भगवती नन्दा मन इच्छा फल देती है! ग्रामीण दिलवर सिंह नेगी ने बताया कि भगवती नन्दा के आगमन पर धियाणी अधिक संख्या में शामिल होती है तथा भगवती नन्दा व धियाणियो के आगमन से हर घर में रौनक बनी रहती है। भगवती नन्दा के विदा होने पर प्रधान मनोरमा देवी, पूर्व क्षेपस जसवीर सिंह नेगी, अनीता देवी, भगत सिंह नेगी, बलवन्त सिंह नेगी, राजेश्वरी देवी, बिक्रम सिंह नेगी, धर्मेंद्र भटट्, मंजू देवी, भीमराज भटट्, रामचंद्र भटट्, जमन सिंह नेगी, गब्बर सिंह नेगी, योगेन्द्र सिंह रावत, इन्द्र सिंह नेगी, बलवीर सिंह नेगी, दरवान सिंह नेगी, तारा भटट् सहित सैकड़ों महिलायें व धियाणिया मौजूद थे।