विकासखंड अगस्त्यमुनि के रुमसी गाँव में नवधन्य संस्था ने महिलाओं के समूह गठन कर महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्थानीय उत्पादों के प्रति जागरूक करने का बीड़ा उठाया है।नवधन्य के दिशा निर्देशन पर गाँव की महिला समूह ने जैविक खेती अपनाकर औरों के लिए भी प्ररेणा की मिशाल बनीं हुईं है। महिला समूह का मानना है कि जैविक खेती अपनाने से फसलों के उत्पादन में वृद्धि होने, खेती का कीटनाशक होने के साथ ही फसलों के स्वाद में भी असर देखने को मिल रहा है।
साथ ही समय - समय पर महिलाओं को जैविक खेती से सम्बन्धित अनेक प्रकार के प्रशिक्षण देकर महिला समूह को जैविक खेती व समाज में फैली कुरीतियों के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। जानकारी देते नवधन्य महिला समूह अध्यक्ष जय श्री देवी ने बताया कि नवधन्य की प्रेरणा से महिला समूह द्वारा काली दाल, गोवर, गोमूत्र, गुड़ व बेसन का मिश्रण कर जैविक खाद को तैयार किया जाता है तथा खेतों में प्रयोग करने पर फसलों को कीटनाशक के भय से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जैविक खाद के प्रयोग से फसलों के उत्पादन में भारी वृद्धि हो रही है! कोषाध्यक्ष पूनम नेगी ने बताया कि विगत पांच वर्षों से महिला समूह नवधन्य से जुड़ी है तथा नवधन्य हमेशा महिलाओं को जैविक खेती के प्रति जागरूक कर रहा है! उन्होंने बताया कि जैविक खाद का प्रयोग करने से फसलों के स्वाद में भी असर देखने को मिल रहा है! सुनीता देवी ने बताया कि महिला समूह द्वारा बडी़ इलायची, दालचीनी व सब्जी का उत्पादन भी बडे़ पैमाने पर किया जा रहा है!
कौशल्या देवी ने बताया कि नवधन्य द्वारा महिलाओं को समय - समय पर जैविक बीज उपलब्ध कराकर हर महिला को जैविक खेती अपनाने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। भादी देवी ने बताया कि रूमसी गाँव के अलावा क्षेत्र के अन्य गाँव की महिलायें भी जैविक खेती अपनाकर आत्मनिर्भर के क्षेत्र में कार्य कर रही है। मुन्नी देवी ने बताया कि सब्जी उत्पादन के लिए गाँव में पानी की समस्या बनी हुई है इसलिए सब्जी का उत्पादन प्रचुर मात्रा में नहीं हो पा रहा है। मीना देवी ने बताया कि महिलाओं द्वारा सब्जी उत्पादन तो किया जाता है मगर जंगली जानवरों व बन्दरों द्वारा सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचाने से महिलाओं की मेहनत पर पानी फेर जाता है! सुमन देवी , सुशीला देवी गोदावरी देवी ने बताया कि नवधन्य द्वारा समय - समय पर महिला समूह को जैविक खेती से समबन्धित अनेक प्रशिक्षण देकर जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जैविक खाद के प्रयोग से खतों में नमी बनी रहती है।