ऊखीमठ : मुख्य विकास अधिकारी भरत चन्द्र भटट् ने मदमहेश्वर घाटी व कालीमठ घाटी के विभिन्न गाँवों का भ्रमण कर विकास कार्यों का जायजा लिया। तथा जन समस्याएं सुनते हुए ग्रामीणों को हर समस्या के निराकरण का आश्वाशन दिया। उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि विकास कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी तथा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आम जनमानस तक पहुंचना हर अधिकारी का कर्तव्य है।
मुख्य विकास अधिकारी भरत चन्द्र भटट् ने मदमहेश्वर घाटी के गैड़ गाँव के बष्टी तोक पहुंच कर काश्तकार बलवीर राणा, विजय सिंह राणा, वीरपाल राणा व फगण सिंह पंवार की बागवानी, मत्स्य पालन का जायजा देते हुए युवाओं से कहा कि इस प्रकार के लघु उद्योगों को अपना कर स्वरोजगार व आत्मनिर्भर की दिशा में कार्य किया जा सकता है। काश्तकार बलवीर राणा ने बताया कि उन्होंने बष्टी तोक में मत्स्य पालन, पशुपालन, बागवानी, तुलसी उत्पादन के साथ होम स्टे योजना संचालित करने का भी प्रयास किया जा रहा है।मुख्य विकास अधिकारी ने सभी काश्तकारों की भूरि - भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की माटी में सैकड़ों स्वरोजगार के अवसर हैं। जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने जिला पंचायत कालीमठ वार्ड के चिलौण्ड, स्यासू, ब्यूखी व गौण्डार गाँवों को जिला प्रशासन से गोद लेने , पिलोजी - गिरिया, राऊलैक - जग्गी बगवान निर्माणाधीन मोटर मार्गो के शेष कार्य के लिए निविदाएं आमन्त्रित करने तथा सिद्ध पीठ काली शिला सहित पैदल मार्ग पर सोलर लाईट लगाने की मांग की।
क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह राणा ने पी एम जी एस वाई के ऊखीमठ - उनियाणा - रासी मोटर मार्ग के जर्जर होने तथा गैड़ - गडगू निर्माणाधीन मोटर मार्ग पर निर्माण कार्य कछुवा गति से होने तथा मोटर मार्ग निर्माण में गुणवत्ता न होने की शिकायत की। खण्ड विकास अधिकारी दिनेश चन्द्र मैठाणी ने सभी गावों के अन्तर्गत मनरेगा की संचालित योजनाओं की जानकारी दी। बष्टी के ग्रामीणों ने लघु सिचाई विभाग द्वारा निर्मित टैंकों का निर्माण कार्य लम्बे समय से अधर में लटकने की शिकायत की! जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया की गावों में फैली हर समस्या के निराकरण की सामूहिक पहल की जायेगी।इस मौके पर प्रधान राजेश्वरी देवी, राजेन्द्र पंवार, मत्स्य निरीक्षक संजय बुटोला, गणेश अग्रवाल, मनोज कोठारी, प्रदीप राणा, शंकर सिंह पंवार, गजेन्द्र पंवार, प्रदीप पंवार, राजेन्द्र पंवार, दिलवर पंवार सहित विभिन्न गावों के जनप्रतिनिधि, ग्रामीण, अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।