भगवती नंदा देवी के सारी गांव पहुंचने पर पुष्प वर्षा से भव्य स्वागत - लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ

ऊखीमठ! तुंगनाथ घाटी के विभिन्न गांवों में भगवती नन्दा के आगमन से हर गांव का माहौल भक्तिमय बना हुआ है। भगवती नन्दा के पौराणिक जागरों  से तुंगनाथ घाटी का माहौल गुजायमान हो रहा है। बुधवार देर सांय भगवती नन्दा दैडा गाँव से भावुक क्षणों के साथ विदा हो गयी है, जबकि भगवती नन्दा के पर्यटक गाँव सारी आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्प अक्षत्रों से भव्य स्वागत किया। गुरूवार को सारी गाँव में दोपहर बाद बगडवाल नृत्य का आयोजन किया जायेगा तथा देर रात तक पौराणिक जागरों के माध्यम से भगवती नन्दा की महिमा का गुणगान किया जायेगा तथा शुक्रवार को भगवती नन्दा विभिन्न गावों से विदा होकर मक्कू गाँव पहुंचने पर जगत कल्याण के लिए तपस्यारत हो जायेगी।


मंगलवार देर सांय को भगवती नन्दा का उषाडा गाँव से दैडा गाँव में आगमन हुआ था। भगवती नन्दा के दैडा गाँव आगमन पर ग्रामीणों में भगवती नन्दा के प्रति अगाध श्रद्धा बनी रही। बुधवार को ब्रह्म बेला पर पुजारी बीरेंद्र सिंह नेगी ने भगवती नन्दा की विशेष पूजा - अर्चना कर आरती उतारी तथा ग्रामीणों ने भगवती नन्दा को अनेक प्रकार के भोग व महिलाओं ने श्रृंगार अर्पित किया। शिशुपाल सिंह, रायसिंह व भगत सिंह ने पौराणिक जागरों से भगवती नन्दा की महिमा का गुणगान किया। उसके बाद दैडा गाँव में बगडवाल नृत्य का आयोजन किया गया। प्रधान योगेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि देर सांय भगवती नन्दा भावुक क्षणों के साथ दैडा गाँव से विदा होकर सारी गाँव के लिए रवाना हो गयी है। ग्रामीण जगदीश सिंह, शेर सिंह ने बताया कि भगवती नन्दा के दैडा गाँव से विदा होने पर महिलाओं व धियाणियों में बहुत भावुकता देखनी को मिली।


भगवती नन्दा के सारी गाँव पहुंचने पर ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर भगवती नन्दा का भव्य स्वागत किया। प्रधान मनोरम देवी ने बताया कि भगवती नन्दा के गाँव आगमन पर सामूहिक अर्ध्य लगाने की परम्परा आज भी जीवित है! गजपाल भटट् ने बताया कि गुरूवार दोपहर को गाँव के खेत - खलिहानों में आयोजित बगडवाल नृत्य में ग्रामीण बढ़ - चढ़ कर भागीदारी करते है तथा देर रात तक जागरों के माध्यम से भगवती नन्दा सहित तैतीस कोटि देवी - देवताओं का आवाहन किया जाता है। ग्रामीण दिलवर सिंह नेगी ने बताया कि शुक्रवार को भगवती नन्दा भावुक क्षणों के साथ विभिन्न गावों से विदा होगी तथा मक्कू गाँव पहुंचने पर जगत कल्याण के लिए साधनारत हो जायेगी।