सेब की बागवानी ने बनाया आत्मनिर्भर - संजय कुंवर जोशीमठ

 


कोरोना संकट में भी जोशीमठ की परसारी फलपट्टी के सेब काश्तकार ऐसे बन रहे आत्म निर्भर, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से बढ़े एक कदम आगे 



संजय कुँवर जोशीमठ की खास रिपोर्ट,,, 
सूबे के सीमांत पहाड़ी क्षेत्रों में कोरोना संकट के चलते जहाँ आम जन मानस का जनजीवन खासा प्रभावित हुआ है। वहीं सीमांत चमोली जिले की सेब फल पट्टी के लिए प्रसिद्ध जोशीमठ ब्लॉक के सेब बागवानों की साल भर की जी तोड़ मेहनत अब रंग लाती दिख रही है। परंपरागत कृषि विकास योजना से सेब काश्तकार सीख रहे आत्म निर्भर रहना।उद्यान विभाग जोशीमठ की पहल का परसारी सेब फल पट्टी के काश्तकारों ने खूब उठाया लाभ बने आत्म निर्भर। बेरुखी भरे मौसम और ओला पात के बाद हुई कम सेब की फसल के बावजूद आज क्षेत्र के सेब बागवान सीमित पैदावार होने पर भी आत्म निर्भर बने हुए हैं।यही नही पहली बार यहाँ के युवा सेब काश्तकारों ने कोरोना संकट के चलते खुद ही अपनी फसल को बिक्री करने का जोखिम उठाया है।और पहली बार सेब बाजार में उत्तराखंड सरकार का लोगो लगी उत्तराखंड ब्रांड का स्वादिष्ट सेब दिखेगा। दरसल जोशीमठ विकास खंड की परसारी फल पट्टी के सेबकाश्तकार



परम्परागत कृषि विकास योजना PKVY योजना के तहत सामूहिक रूप से अपने बागानों की सेब की फसल को खुद तोड़ कर उनको उद्यान विभाग की मदद से मिले कोरोगेटेड बॉक्स में उत्तराखंड सरकार के लोगो लगे पेटीयों में पैक कर खुद बाहर शहरों में बिक्री के लिए भेज रहे हैं।अभी तक करीब 3200 कोरोगेटेड बाक्स (पेटियां) उद्यान विभाग द्वारा परसारी समूह को उपलब्ध करवा दी गयी है। कोरोना काल में इस तरह सी आत्म निर्भर रहने का मूल मंत्र सीखना हो तो इनसे सीख लेने की जरूरत है।