मिटा दो हस्तियां दुशमन की
मिटा दो हस्तियां दुशमन की,
भारत माँ पर डाले जो बुरी नज़र।
खड़ा है दुश्मन अगर सामने,
तो उड़ा दो उसका सर ।।
माँ के रक्षक बैठें हैं,
ताने बन्दूक हिमालय पर।
मिटा देंगे मिट्टी में उनको,
छुआ एक भी कण अग अगर।
खाई है कसमें वीरों ने
हैं रक्षक इतने निडर।।
आ जाए तुफान भी,
या बड़ी चट्टान भी ।
चीर देंगे सीना उसका,
है मजबूत इतना ज़िगर ।।
काँपता है दुश्मन भी,
सीना छप्पन देखकर ।
ना रुकेंगे, ना झुकेंगे,
न्यौछावर हैं देश पर ।।
ये देश मेरी जान है,
ये देश मेरी शान है ।
ये मेरी पहचान है,
मेरा देश हिंदुस्तान है,
मेरा देश हिंदुस्तान है ।।
जय हिंद जय भारत ।
चन्द्रमोहन सिंह
ग्राम धारकोट