ऊखीमठ! कालीमठ घाटी में विगत कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। घाटी के दर्जनों गाँवों के ग्रामीणों की मकानें, दुकानें गौशालाएं खतरे की जद में आ गये हैं। मूसलाधार बारिश के कारण कई तोकों में भूधसाव होने से काश्तकारों की कई हेक्टेयर कृर्षि भूमि व फसलें तबाह होने से काश्तकारों की मेहनत पर पानी फिर गया है। गाँवों के पैदल सम्पर्क मार्गों के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को आवाजाही करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गुप्तकाशी - कालीमठ - चौमासी मोटर मार्ग पर जगह- जगह मलवा आने से राहगीरों को जान हथेली पर रखकर सफर करना पड़ रहा है। सरस्वती नदी के उफान में लगातार वृद्धि होने से कई गाँवों को खतरा बना हुआ है।
जानकारी देते हुए प्रधान कालीमठ गजपाल सिंह राणा ने बताया कि कालीमठ घाटी में विगत कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से कालीमठ - दुबट्टा,कालीमठ - काली शिला व कालीमठ - कविल्ठा पैदल मार्गों के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने पड़ रही है। क्षेत्र पंचायत सदस्य राकेश राणा व दिनेश सत्कारी ने बताया कि गुप्तकाशी - कालीमठ - चौमासी मोटर मार्ग पर कई स्थानों पर निरन्तर मलवा आने से ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने पड़ रही है। प्रधान कोटमा आशा सती ने बताया कि विगत दिनों रुच्छ महादेव मन्दिर सम्पर्क मार्ग के निकट ऊपरी पहाड़ी से भूधसाव होने के कारण सुखदेव सरस्वती की मकान व दुकान में मलवा भरने से मकान व दुकान खतरे की जद में आ गये हैं तथा उनकी आजीवन प्रभावित हो गयी है।
जिससे उन्होंने दूसरे के घरों में आसरा लिया हुआ है। उन्होंने बताया कि कोटमा निवासी चन्द्रमा देवी की मकान को खतरा बना हुआ है। पूर्व प्रधान लक्ष्मण सिंह सत्कारी ने बताया कि सोठ - खोन्नू - जालमल्ला, कोटमा मजेरा सहित विभिन्न तोकों को जोड़ने वाले पैदल मार्ग भी भूधसाव होने के कारण क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। क्षेत्र पंचायत सदस्य सोमेश्वरी भटट् ने बताया कि मजेरा, सोठ, कोटमा, खोन्नू सहित विभिन्न तोको में भूधसाव होने से काश्तकारों की कृर्षि भूमि व फसलों को भारी नुकसान होने से काश्तकारों को भविष्य की चिंता सताने लग गयी है तथा आने वाले समय में भूधसाव वाले स्थानों की रोकथाम नहीं की गयी तो भविष्य दर्जनों मकानों व गौशालाओं को खतरा उत्पन्न हो सकता है।
राजेन्द्र सत्कारी ने बताया कि खोन्नू गाँव निचले हिस्से में सरस्वती नदी के कटाव से भूधसाव निरन्तर जारी है जिससे खोन्नू गाँव के चार दर्जन से अधिक ग्रामीणों की रातों की नींद हराम हो रखीं है। जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा, भरत भटट् आशुतोष राणा ने कालीमठ घाटी के विभिन्न गाँवों का भ्रमण कर प्रभावित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है तथा ग्रामीणों को हर सम्भव मदद दिलाने का आश्वासन दिया है।