जैंसाल गांव में मां भगवती को बुलाने परंपरा, नंदा अष्टमी को जात कर बुलाते हैं मां नंदा को - अनुराग थपलियाल की रिपोर्ट

जैंसाल गांव में मां नंदा का उत्सव हर वर्ष लोकजात के रूप मेें भव्य स्वरूप में मनाया जाता है। यहां मां नंदा देवी को बुलाने की परंपरा है।गांव से  छंतोली 23 अगस्त को कैलाश के लिए रवाना हो गई हैं। मौसमी फल ककड़ी, मुंगरी, लेकर मां नंदा को अष्टमी को नंदीकुंड में जात कर बुलाते हैं। 30 को गांव में उत्सव मनाया जाएगा। लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते सादगी के साथ मनाया जाएगा।  


                 


दशोली ब्लॉक के जैंसाल गांव में मां नंदा देवी की लोकजात हर वर्ष बड़े उत्सव के साथ मनाया जाता है।इस बार मां नंदा देवी को बुलाने के लिए 23 अगस्त को गांव से छंतोली लेकर आशीष डंडरियाल और मयंक डंडरियाल गये हैं। माता को बुलाने के लिए ऋतु फल ककड़ी, मुंगरी और माता के श्रृंगार की चूड़ियां लेकर गये हैं। आज नंदा अष्टमी को नंदी कुंड में जात कर मां भगवती नंदा को ब्रह्म कमल के साथ बुलाकर लाते हैं। भगवती मां नंदा देवी को बुलाकर छंतोली 28 अगस्त को माता के मंदिर में पहुंचगे। और 30 अगस्त को गांव में भव्य उत्सव मनाकर मां गौरा को जागरों से विदा करते हैं। जैंसाल गांव के युवा समाजसेवी सुधीर हटवाल ने बताया कि कोरोना संकट के चलते इस बार सादगी के साथ मां भगवती का उत्सव मनाया जाएगा।