बदरीनाथ हाईवे निर्माण में एनएच की लापरवाही बडे़ हादसे को दे रही न्योता - संजय कुंवर की खास रिपोर्ट

 बदरीनाथ नेशनल हाईवे चौड़ीकरण में ऋषिकेश से बद्रीनाथ तक दर्जनों भूस्खलन डेंजर जोन उबर कर आए हैं। जिससे नेशनल हाईवे पर सफर करना जानलेवा बना हुआ है।



वहीं हाईवे निर्माण में निकलने वाले मक को निर्माण एजेंसी सीधे नदी में डाल रही है। एनजीटी द्वारा इस पर कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया गया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट चारधाम को जोड़ने के लिए ऑल वेदर रोड का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। वहीं नेशनल हाईवे निर्माण से कई लोग बेघर हो गए हैं। साथ ही ऑल वेदर निर्माण एजेंसियों द्वारा सभी नियम कानूनों को ताक में रखकर हाईवे निर्माण का कार्य किया जा रहा है। हाईवे निर्माण से निकलने वाले मक को सीधे नदी में डाला जा रहा है। शासन प्रशासन द्वारा सब कुछ देखने के बावजूद भी कोई भी कार्रवाई निर्माण एजेंसी पर नहीं की गई है। बारिश सीजन में बदरीनाथ हाईवे पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। ऋषिकेश से बद्रीनाथ तक दर्जनों डेंजर जोन भूस्खलन से उभर आए हैं।



नंदप्रयाग, क्षेत्रपाल, बिरही चाडा और भनीर पानी में सफर करना जान लेवा बना हुआ है। एनएच द्वारा जिस तरह से इन डेंजर दोनों में बारिश में भी काम किया जा रहा है उससे कभी भी बड़ी अनहोनी होने का अंदेशा बना हुआ है! लेकिन इनको कोई रोकने वाला नहीं है जिसके चलते ये मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं। क्षेत्रपाल और बिरही चाडा पर कही बार लोग बाल-बाल बचे हैं। एनएच की लापरवाही से कुछ महीने पहले चमोली चाडा और अभी कुछ दिन पहले कोडियाला में बड़ी दुर्घटनाएं हुई है। समय रहते एन एच द्वारा अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया गया तो पहाड़ का सफर बहुत ही डेंजर खतरनाक और जानलेवा साबित हो सकता है!