उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में सावन का अन्तिम सोमवार भोले के जयकारों से गूंज उठा
जोशीमठ सावन महीने के अंतिम सोमवार पर शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी रही। उत्तराखंड के अधिकांश पहाड़ी इलाकों में कर्क सक्रांति से ही सावन महीने की शुरुआत होती है। यह पर्व एक महीने तक चलता है। वहीं छोटे अमरनाथ के नाम से प्रसिद्ध बाबा बर्फानी टिंबर सेंण महादेव में भी भक्तों का तांता लगा रहा। बता दें कि टिंबर सैण महादेव भारत-चीन सीमा के सरहदी इलाका नीतिघाटी में स्थित है। यहां पर सावन महीने में हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक एवं दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं । बाबा टिम्बर महादेव को झरना महादेव के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यहां पर भगवान महादेव के लिंग पर प्रकृति द्वारा स्वयं जलाभिषेक होता है। वहीं गुफा में प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं का भी स्वयं प्रकृति स्नान करा देती है। सर्दियों में इस स्थान पर झरने का पानी जमने से बाबा अमरनाथ की तरह दर्जनों शिवलिंग उत्पन्न हो जाते हैं। जिसके दर्शन के लिए दूर - दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसलिए अब यह स्थान छोटे अमरनाथ के नाम से प्रसिद्ध हो गया है।
नीतिघाटी के ग्रामीण इलाकों में अधिकतर भोटिया जाति के लोग निवास करते हैं। यंहा की महिलाएं अपनी पारंपरिक भेष - भूषा भोटिया पोषाक पहनकर ही भगवान महादेव का जलाभिषेक एवं भजन कीर्तन करते है।