ऑनलाइन पढ़ाई बनाम पब जी
कोरोना के प्रकोप के चलते पूरे देश में लाॅकडाउन की वजह से कुछ शिक्षा महकमों के द्वारा यह निर्णय लिया गया कि बच्चों की शिक्षा को बाधित न करते हुए उनको ऑनलाइन शिक्षा सुविधा मुहैया कराने पर जोर दिया जाए।
अब सवाल ये है कि ऑनलाइन शिक्षा के फायदे या नुकसान क्या हैं?
यूं तो विद्यालयी शिक्षा और ऑनलाइन शिक्षा में बहुत अंतर है ।जब आप विद्यालय में कक्षा के भीतर पढ़ते हैं तो शिक्षकों के सामने रहकर किताबों और ब्लैकबोर्ड के माध्यम से पढ़ते हैं जिससे शिक्षार्थी तथा शिक्षक के द्वारा शिक्षण मूल्यपरक आंका जाता है। विद्यार्थी पूरी तरह अनुशासन का पालन करते हुए शिक्षा ग्रहण करता है तथा उन सभी गतिविधियों का अनुपालन करता है जो उसके भविष्य की ओर उसे उन्मुख करती है।
किन्तु ऑनलाइन शिक्षण में विद्यालयी परिवेश से संबंधित वातावरण का पाया जाना मुनासिब नहीं है।शिक्षण पद्धति मोबाइल फोन के माध्यम से ज़ूम ऐप के द्वारा संचालित हो रही है।जहां हम हमेशा ही मोबाइल फोन को कम से कम इस्तेमाल करने की बात करते हैं वहीं आज हम चार - छः घंटों तक बच्चों के हाथों में मोबाइल सौंपे हुए हैं।जिसका उपयोग बच्चों के द्वारा पढ़ने के लिए किया तो जा रहा है किन्तु इसके विपरीत आंखों पर इसके बुरे असर का अनुमान लगा पाना बहुत मुश्किल है।
अब बात करते हैं इसके सबसे बड़े साइड इफेक्ट की।
कई पैरेंट्स ने तो अपना मोबाइल बच्चों के लिए समर्पित किया है पढ़ने के लिए लेकिन कुछ को मोबाइल खरीदने ही पड़े ताकि बच्चों की स्टडी अवरुद्ध न हो। बच्चों ने इसका इस्तेमाल किस तरह से करना शुरू किया है जाने ---------
कक्षा के बीच - बीच में ही चैटिंग।
नोटीफिकेशन चेक करते रहना।
कई तरह के वीडियो देखना।
और सबसे ज्यादा प्रचलन में जो है वो है पब जी( PUB G) गेम।
यह गेम शुरू से ही विवाद का विषय बना हुआ है किन्तु यह भी सत्य है कि यह गेम मनोरंजन का उत्तम उत्पाद भी बना हुआ है।
आनन्दित होकर बच्चे यह गेम खेल तो रहे हैं मगर यह गेम आपके बच्चों को क्या सिखा रहा है कभी सोचा है आपने।तो जानिए-----
गेम के अंदर से सौ लोग पैराशूट से एक द्वीप में उतरकर कई प्रकार के हथियारों को ढूंढ कर स्वयं को बचाते हुए दूसरों को मारते हैं, जिसमें सुरक्षित क्षेत्र के घेरे में रहकर ही खेलना होता है।वह भी धीरे-धीरे छोटा होता जाता है ताकि जीवित खिलाड़ी एक दूसरे के आमने-सामने हो सकें।जो खिलाड़ी या टीम अंत तक खड़ा रहता है वही विजयी होता है।तो कुल मिलाकर बच्चे हथियार का लेन-देन सीख रहे हैं। हथियार चलाना सीख रहे हैं और दूसरे को मारकर विजयी होना सीख रहे हैं।
इतने ध्यान से बचने और मारने का यह गेम खेला जा रहा है कि इस बीच उसे भूख और प्यास का भी आभास नहीं हो रहा और न हि वह उस दौरान परिवार के किसी अन्य सदस्य की दखल अंदाजी चाहता है और यदि वह गेम में मर जाता है तो उस वक्त उसकी चिड़चिड़ाहट आप देख सकते हैं।
ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान भी वह ऑडियो वीडियो म्यूट करके इसी गेम में व्यस्त है मगर किसी को भी कोई खबर नहीं। आपको लगता है आपका बच्चा कमरा बन्द करके पढ़ने में व्यस्त है।
अब आप यदि अभिभावक हैं तो अनुमान लगा सकते हैं कि आपका बच्चा ऑनलाइन शिक्षा सुविधा का फायदा उठाकर अपने दिमाग का इस्तेमाल कहां कर रहा है।
विषय सोचनीय है सतर्क रहें सावधान हो जाएं।
शशि देवली
गोपेश्वर चमोली उत्तराखण्ड