ऊखीमठ! केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ऊखीमठ / गुप्तकाशी की टीम ने मदमहेश्वर घाटी के बुरूवा गाँव से लगभग 19 किमी दूर बिसुणी ताल के सुरम्य मखमली बुग्यालों में विराजमान भेड़ पालकों के अराध्य देव क्षेत्रपाल की पूजा - अर्चना कर हिमालयी क्षेत्रों के भू-भाग का स्थलीय निरीक्षण किया।
जानकारी देते हुए वन दरोगा आनन्द सिहं रावत ने बताया कि मदमहेश्वर घाटी के बुरूवा गाँव से लगभग 19 किमी दूर विसुणीताल के बुग्यालों के मध्य विराजमान क्षेत्रपाल के दरबार में मनोकामनाओं की पूर्ति होती है तथा वन विभाग की टीम जब भी ऊंचाई वाले इलाकों के भ्रमण पर जाती है तो क्षेत्रपाल उस टीम की भी रक्षा करते हैं इसलिए वन विभाग द्वारा समय - समय पर क्षेत्रपाल की पूजा - अर्चना कर विश्व कल्याण की कामना की जाती है। उन्होंने बताया कि छह माह बुग्यालों में रहने वाले भेड़ पालक भी समय - समय पर क्षेत्रपाल की पूजा - अर्चना करते हैं। वन दरोगा कुलदीप सिंह नेगी ने बताया कि विसुणीताल के सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य विराजमान क्षेत्रपाल की जब पूजा - अर्चना होती है तो क्षेत्रपाल भेड़पालकों पर नर रूप में अवतरित होकर आशीष देते हैं। वन वीट अधिकारी ईश्वर सिंह कण्डारी ने बताया कि बुरुवा - विसुणीताल पैदल को केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग द्वारा विकसित किया जा रहा है।
वन वीट अधिकारी महेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि ऊंचाई वाले इलाकों को मानवीय हस्तक्षेप न हो इसलिए वन विभाग द्वारा समय - समय पर जायजा लेना पड़ता है। वन वीट अधिकारी ललित मोहन ने बताया कि विसुणीताल पैदल मार्ग पर पर्यटन की अपार सम्भावनायें हैं। इस मौके पर मदमहेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भटट्, बीरेन्द्र सिंह धिरवाण,प्रेम सिंह, जीतपाल सिंह, रायसिंह, वसुदेव सिंह, महावीर भटट्, सौरभ धिरवाण, अब्बल सिंह, विपिन नेगी, संजय सिंह मौजूद थे।