गर भारत मां पर दृष्टि उठाई तो बंदूकें बोलेंगी - किरन पुरोहित "हिमपुत्री"

गलवान घाटी और दुश्मनों की कायरता पर सीमांत क्षेत्र की बेटी का जवाब ......


"गर भारत मां पर दृष्टि उठाई तो बंदूकें बोलेंगी ।।"


............... हिमपुत्री किरन पुरोहित 


           सरहद 


लक्ष्मण रेखा है सरहद ,
हद पार नहीं करने देंगे ।
अपनी मातृभू की मिट्टी का ,
मान नहीं मिटने देंगे ।। 


ये भारत जो पांचजन्य का ,
घोष बजाकर कहता है ।
वंदे मातरम बोल बोल कर ,
युद्ध भूमि पर लड़ता है ।। 


जिस भारत की भूमि का ,
बच्चा बच्चा सेनानी है ।
मातृभूमि पर प्राण लुटाने ,
वाला वीर बलिदानी है ।।


वह भारत जिसकी सरहद ,
हिमवंत से सागर तट तक है ।
अटक कटक तक की भूमि ,
जो भूमि कालीकट तक है ।।


वह विश्व सभ्यता की जननी ,
रण जौहर दिखला सकती है ।
धूर्त पड़ोसी शत्रु देश को ,
पल में पिघला सकती है ।।


याद रखे दुश्मन गर वह ,
सरहद को लांघ कर आएगा ।
तो इधर हिंद की भूमि का ,
पत्थर शोला बन जाएगा ।।


उस भारत सीमांत क्षेत्र की ,
बेटी की आवाज सुनो ।
ओ दुश्मन तुम जिस पथ पर हो ,
चाहे जितनी बार लड़ो ।।


पर अंत सत्य की जीत हुई ,
इतिहास हमें ये बताता है ।
गलवान में जिनकी तोड़ी हड्डियां ,
उनको सत्य सुनाता है ।। 


हद पार करो ना तो अच्छा ,
सीमा पर शांति ना डोलेगी ।
पर भारत मां पर दृष्टि उठाई ,
तो रण में बंदूकें बोलेगी ।।


...........किरन पुरोहित "हिमपुत्री"


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