चारधाम यात्रा के लिए देवस्थानम बोर्ड द्वारा 11 हजार पास जारी - संजय कुंवर बदरीनाथ

देवस्थानम बोर्ड द्वारा आज 571 ई -पास हुए जारी।एक सप्ताह  बाद ग्यारह हजार से अधिक  ई- पास जारी हुए।प्रदेश के लोगों में चारधाम यात्रा में दिख रहा उत्साह  


उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड द्वारा प्रदेश के लोगों के लिए चारधाम यात्रा का एक जुलाई से शुभारंभ हो चुका है। इस क्रम में आज सांय पांच बजे तक उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइटwww.badrinath-kedarnath.gov. in से 571 लोगों ने चार धामों हेतु ई पास बुक कराये है।
जिसमें श्री बदरीनाथ धाम के लिए  180 श्री केदारनाथ धाम के लिए 287  श्री गंगोत्री हेतु 86 श्री यमुनोत्री धाम हेतु 18 लोगों ने ई पास बुक कराये हैं। सावन माह शुरू होते ही श्री केदारनाथ एवं श्री गंगोत्री के लिए ई पास की संख्या में वृद्धि हो रही है।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने यह जानकारी दी है। बताया कि देवस्थानम द्वारा प्रदेश के लोगों के लिए शुरू हुई चारधाम यात्रा के अच्छे परिणाम आ रहे हैं। थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन के पश्चात ही मंदिरों में तीर्थ यात्रियों को प्रवेश दिया जा रहा है।मास्क  पहनना अनिवार्य किया गया है शोसियल डिसटेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है। यात्रा मार्ग पर देवस्थानम बोर्ड के यात्री विश्राम गृहों को तीर्थ यात्रियों की सुविधा हेतु खोला जा चुका है। तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रूके। यह कोशिश रहे कि दर्शन के पश्चात तीर्थ यात्री निकटवर्ती स्टेशनों तक वापस आ जाये।प्रदेश सरकार का प्रयास है कि चारों धामों में धीरे-धीरे तीर्थ यात्रियों की आमद हो ताकि पर्यटन एवं तीर्थाटन को गति मिल सके।अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह   
ने बताया कि   देवस्थानम बोर्ड द्वारा  1 जुलाई से 14  जुलाई शाम पांच बजे  तक 11042 -पास जारी किये जा चुके हैं। ई पास तीर्थ यात्रियों को उनके द्वारा सुझाई गयी तिथियों हेतु जारी किये गये है। ई पास लेकर प्रदेश के तीर्थयात्री दर्शन को पहुंच रहे हैं।देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़  ने बताया कि चारधामों में   सात हजार से अधिक तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं। 
पोर्टल प्रभारी संजय चमोली के अनुसार   ई- पास के लिए श्रद्धालुओं द्वारा लगातार संपर्क किया जा रहा है तथा यात्रियों को उचित मार्गदर्शन किया जा रहा है