परेशान रहती वो मां जिनके बच्चे रोते हैं, किस्मत के मारे बच्चे आज भूखे पेट सोते हैं - अनीशा रावत गोपेश्वर

" भूख "



मिट्टी से भरा तन उसका, 
जब आंधी आयी, तूफान आया |
फुटपाथ पर सोने वाला, 
बेचारा आज भूखा सोया ||


बिजलियों की आवाज हुयी, 
जब वो झोपड़ी में थे |
अन्न न नशीब में, 
न वस्त्र उसके थे ||


भूख से तड़पता बच्चा, 
चोरी करता दिखता वो |
न करने पर भी, 
आज मजबूर हुआ वो ||


काम न देता, न देखता कोई उनको, 
जिंदगी उदास जैसी हैं |
गलत कदम तब उठा लेता तू, 
मानव तेरी आदत ही ऐसी हैं ||


परेशान रहती वो माँ, 
जिनके बच्चे रोते हैं |
किस्मत के मारे बच्चे, 
आज भूखे पेट सोते हैं ||



अनीशा रावत ✍️
गोपेश्वर ( चमोली ) 
उत्तराखंड