चीन बॉर्डर से सटे सूबे के आखिरी नगर जोशीमठ सहित पूरे अलकनंदा और धौली गंगा घाटी में बसे सीमांत क्षेत्र के लोगों में चीनी सैनिको की धोखे बाजी को लेकर जबरदस्त आक्रोश है।गुस्साए क्षेत्र के नौजवानों का कहना है कि यहां से चीन बॉर्डर दूर नही है बस हमारी सरकार और सेना जब ओर्डर दे हम देश और अपनी मातृ भूमि की रक्षा के लिए हरपल जान देने के लिए तैयार हैं।
लद्दाख घाटी में चीनी सैनिकों के धोखे से शहीद हुए हमारे जाबांज सैनिकों की शहादत के बदले चीन के मेड इंन चाइना सामान का पूर्ण बहिष्कार का संकल्प लेते हुए चीनी वापस जाओ के नारे लगाये,और चीनियों को बड़ा सबक सिखाने की मांग भी केंद्र सरकार से की,चीन सरहद पर बसे आखिरी सीमांत नगर जोशीमठ के भाजपा कार्य कर्ताओं और स्थानीय लोगों ने मिलकर चीनी राष्ट्रपति का पुतला फुंका,आज नटराज चौक जोशीमठ में एकत्र होकर भाजपाईयों और स्थानीय लोगों ने मिलकर चीन के छल से लद्दाख घाटी में LAC पर देश के लिए वीरगति को प्राप्त 20अमर सपूतों को विनम्र श्रधा सुमन अर्पित किये। इसके बाद चीन का जबरदस्त विरोध करते हुए नटराज चौक पर चीनी राष्टृपति का पुतला फूंक विरोध जताते हुए चीनी सामान के बहिष्कार का संकल्प लिया,वही चीनी बॉर्डर नीति घाटी के लोगों ने भी सेना और सरकार को अपना समर्थन देते हुए कहा है की नीति माणा घाटी के सभी सेकिंड डिफेंस लाईन से जुड़े लोग अपनी भारतीय सेना के वीर अमर जवानो के द्वारा गलवांग घाटी में मातृ भूमि को दिए बलिदान का बदला चीनी सेना से लेने को आतुर है, नीति घाटी के समाजसैवी और सुकी भलागाँव के ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह बुटोला का कहना ही की नीति घाटी के लोग देश के लिए इस तिब्बती धुरों में सन 1962 से लेकर आज तक सेकिंड डिफेंस लाईन का काम करते आये हैं और आगे भी अपने देश के लिए मर मिटने को तैयार है सरकार और सेना जा भी बुलाये सीमांत के लोग कंधे से कंधा मिलाकर सेना का साथ देने को तैयार है।
ड्रेगन के विरोध में एकजुट हुए चीन बॉर्डर के ग्रामीण,जोशीमठ नगर में दिखा आक्रोश भाजपाइयों नें भी चीनी राष्ट्रपति का पुतला फूँक जताया विरोध - संजय कुंवर जोशीमठ