धरती का देवलोक देवरिया ताल - ऊखीमठ से लक्ष्मण नेगी की खास रिपोर्ट

ऊखीमठ! तुंगनाथ घाटी के पर्यटक गाँव सारी के ऊपरी हिस्से में बसा पर्यटक स्थल देवरिया ताल प्रकृति के अदभुत नजारों को अपने आंचल में समेटे हुए है,  प्रकृति के  इस अनमोल खजाने से रुबरु होने के लिए यहाँ वर्ष भर सैलानियों व प्रकृति प्रेमियों का आवागमन जारी रहता है। प्रकृति जब शरद ऋतु व बसन्त ऋतु में अपने यौवन का नव श्रृंगार करती है तो ऐसा आभास होता है कि इन्द्र की परियाँ साक्षात देवरिया ताल में विचरण करने के लिए उतर आई हो, इसलिए इन दो ऋतुओं में अधिक सैलानी देवरिया ताल की हसीन वादियों का लुफ्त लेने पहुचते हैं।  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को यहाँ भव्य मेले का आयोजन किया जाता है! मेले में प्रतिभाग करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण की झाकियां ज्यों ही देवरिया ताल में पर्दापण करती है तो ऐसा प्रतीत होता है कि सम्पूर्ण देव लोक इसी धरती पर उतर आया हो।


 


  बेपनाह खूबसूरती के लिए विख्यात देवरिया ताल समुन्द्र तल से लगभग 8 हजार फीट व तुंगनाथ घाटी के पर्यटक गाँव सारी से तीन किमी की दूरी पर स्थित देवरिया ताल को प्रकृति ने अपने दिलकश नजारों से बेहतरीन तरीके से सजाया है! ऊंचे पर्वत, मनोहर वन प्रान्त, सघन वृक्षों की झाडियों तथा फूलों के अलंकरणों द्वारा हिमालय के भूभाग में देवरिया ताल को प्रकृति ने अत्यन्त मनोरम रुप से संजोया हुआ है। इन सबका दृश्यालोकन देवरिया ताल में होता है! हिमालय के निवासी और प्रकृति के परम उपासक महाकवि कालिदास ने अपनी जन्मभूमि स्मृति को बुग्यालों के दर्शन में पर्वत शिखरों का सान्ध्य और प्रभात कालीन सजीव वर्णन देवरिया ताल की सुन्दरता पर सटीक बैठता है! देवरिया ताल से पर्वत शिखरों में चन्द्रमा का अस्त और सूर्य के अरूणोदय का प्रकाश एक ही समय में तेजोद्वय का अस्त एवं उदय मानो किसी अवस्था विशेष में ईश्वरीय नियम बता रहें हो, देवरिया ताल के सुरम्य मखमली बुग्यालों में एक ओर सूर्यास्त की लालि का मखमली हरी घास के साथ सुहावनी लगती है तो दूसरी ओर सान्ध्यकालीन कालिमा का सौन्दर्य मन को मोह लेता है!  देवरिया ताल से केदारनाथ, सुमेरु, चौखम्बा, विशोणीताल के प्रतिविम्ब के दुर्लभ क्षणो को कैमरे में कैद करना इतना आसान नहीं, क्योंकि देवरिया ताल पहुंचने पर मौसम का साफ होकर प्रकृति की अनुपम छटा नसीब वालों को ही प्राप्त होती है।



लोक मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल में बाणासुर की पुत्री उषा और उसकी सहेली चित्ररेखा ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ से देवरिया ताल आकर प्रकृति के सौन्दर्य का आनन्द लेकर इस जल विहार में स्नान करती थी तथा वन देवियों के संगीत का आनन्द लेती थी! स्थानीय मान्यताओं के अनुसार युगों पूर्व देवरिया ताल में एक नाग - नागिन का जोड़ा रहता था तथा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्रद्धालुओं को दर्शन देता था मगर एक बार नृत्य करने वाले मानव जोड़े के बार - बार दुबारा दर्शन की गुहार लगाने पर नाग - नागिन का जोड़ा रुष्ट हो गया तथा उसके बाद दर्शन देने पर विराम लगा दिया! तुगनाथ घाटी के पर्यटक गाँव सारी के शीर्ष पर विराजमान पर्यटक स्थल देवरिया ताल सरोवर नगरी नैनीताल की नैनी झील के समान है देवरिया ताल की लम्बाई लगभग 366 मीटर तथा चौडाई 169 मीटर है! दिसम्बर से फरवरी तक देवरिया ताल हिमाच्छादित रहता है! हिमाच्छादित चमकीले धवल गिरि श्रृंगों के सान्निध् में स्थित देवरिया ताल शोभा सम्पन्न शब्दार्थ की प्रतीति वाले विलसितये बुग्याल जब दृष्टि गोचर होते हैं तो आंखें चकाचौंध हो जाती है, देवरिया ताल के निकट बुग्यालों में गन्धर्वों के संगीताश्रम और अप्सराओं के नृत्य निकेतन है! देवताओं के लम्बे चौड़े बन बिहार स्थल तथा सुन्दर तालाब, अनेक प्रकार के पुष्प मन को लुभाते है! देवरिया ताल के चारों तरफ अपार वन सम्पदा से लदा भूभाग, भंवरों का मधुर गुंजन,कौसी,मुन्याल,पक्षियों के उड़ते स्वर्णिम पंखों के दर्शन अत्यंत प्यारे लगते हैं!



देवरिया ताल के चारो तरफ वनोषधियो के भण्डार भरे हुए है। कस्तूरी मृग, बाराह, थार, आदि वन्य जन्तुओं के विचरण से देवरिया ताल के वैभव कि वृद्धि कर चार चांद लगा देते है! प्रकृति का रसिक जब देवरिया ताल का शान्त वादियों में पहुंचता है तो मोह माया का त्याग कर परम पिता परमेश्वर की भक्ति के साथ ही यहाँ के वातावरण में रम जाता है! विगत कई दशकों से देवरिया ताल में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर लगने वाले मेले को भव्य रुप से मनाया जा रहा है! सारी, ऊखीमठ व मनसूना से जब सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ भगवान श्रीकृष्ण की झाकियां देवरिया ताल में पर्दापण करती है तो ऐसा आभास होता है कि सम्पूर्ण देव लोक देवरिया ताल में उतर आया है! देवरियाताल पर्यटन विकास महोत्सव समिति  अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भट्ट। प्रधान सारी मनोरमा देवी, दैडा योगेन्द्र सिह नेगी, प्रकृति प्रेमी रवीन्द्र रावत, दिलवर सिंह नेगी, गजपाल भटट्,बताते है कि देवरिया ताल को प्रकृति ने अपने वैभवो का भरपूर दुलार दिया है!