- जोशीमठ। बदरीनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष के लिए शुक्रवार 15 मई को ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः चार बजकर 30 मिनट पर खुल जाएंगे। बदरीनाथ धाम में देवस्थानम बोर्ड की ओर से कपाट खुलने से पूर्व तैयारियां पूरी कर दी गयी है।
कपाट खुलने की प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो गयी हैं। बुधवार को प्रातः नृसिंह मंदिर जोशीमठ में पूजा-अर्चना यज्ञ-हवन के पश्चात रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित आदि शंकराचार्य की गद्दी व गाडू घड़ा (तेल कलश) ने योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान किया। इस अवसर पर स्थानीय श्रद्धालु भी बहुत कम संख्या में दिखे। बेहद सादगी पूर्ण ढ़ंग से रावल व आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी प्रस्थान हुई। कपाट खुलने की प्रक्रिया से जुड़े सीमित संख्या में देवस्थानम बोर्ड के कर्मचारी, हक हकूकधारियों ने पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान किया। इस दौरान मास्क पहनने के साथ ही शारीरिक दूरी का भी पूजा ध्यान रखा गया। बुधवार की अपराह्न तक रावल सहित आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी, गाडू घड़ा (तेल कलश) योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंच गया।उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि बुधवार को सभी देव डोलियां योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे। 14 मई भगवान उद्धव, कुबेर, रावल व आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी, गाडू घड़ा तेलकलश बदरीनाथ धाम पहुंचेगे। 15 मई को ब्रह्म मुहूर्त में प्रातःचार बजकर 30 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट खुल जायेंगे। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही बदरीनाथ धाम में माता मूर्ति मंदिर, आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर, आदि केदारेश्वर मंदिर, तथा परिक्रमा स्थल के सभी मंदिर माता लक्ष्मी मंदिर, गणेश मंदिर, तथा भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन के कपाट भी खुल जायेंगे। बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कपाट खुलने के दौरान शारीरिक दूरी का ध्यान रखने, मास्क पहनने, साफ सफाई रखने के आदेश हुए हैं।
शंकराचार्य की गद्दी और गाडू घड़ा पहुंचा योग-ध्यान बदरी पांडुकेश्वर