हिमालय भाल है सरिता का आधार है - मनोज तिवारी "निशान्त"

 


विषय,, चित्राक्षरी


हिमालय भाल है,
सरिता का आधार है।
सुंदरता का मान है,
भारत का अभिमान है।।


हिम तुंग के शिखरों सा,
माँ भारती का भाल है।
आसमाँ सा विशाल है,
उन्न्त बेमिशाल है।।


ठंडी बयार है,
प्रकृति का आधार है।
भगीरथ की तपो भूमि,
शिव का आवास है।।


प्रहरी विशाल है,
शत्रुओं का काल है।
माँ नंदा की जन्मभूमि,
अदभुत है, विशाल है।।


चांदी से चमके जो,
आलोकित रश्मियों से।।
नील सरोवर में मानो
श्वेत वर्ण सा हंस है।।



ये हिम का आलय नही,
 माँ भारती का गौरव है।
हम सबकी शान है,
  माँ भारती की आन है



  • मनोज तिवारी,,निशान्त,,