एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना के डर से घरों में कैद हैं वहीं दूसरी तरफ प्रकृति ने अपने रौद्र रूप से लोगों में खौफ का माहौल बना दिया है - चमोली जिले में शनिवार को हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि से काश्तकारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है दशोली ब्लॉक के पलेठी, ठेलीमेड, सरतोली, भटिंगयला, घुड़साल, धारकोट के साथ पुरसाड़ी में काश्तकारों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। विगत कई वर्षों से पुरसारी में स्थानीय लोगों ने स्वरोजगार को लेकर सब्जी उत्पादन का काम शुरू किया था। लॉकडाउन के दौरान इन काश्तकारों द्वारा उत्पादित की गई सब्जियों से लोगों को काफी राहत मिली थी, लेकिन सैकड़ों नाली भूमि में इस उम्मीद के साथ यह लोग सब्जी उत्पादन कर रहे थे कि अपने घरों में रहकर यह स्वरोजगार पैदा कर सके लेकिन प्रकृति की ऐसी मार पड़ी कि लोग मायूस हो गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनका मकसद था कि सब्जियां उगा कर अपने अजीवीका चलाएंगे और लोगों को इसका लाभ देंगे। अब उन्होंने इस नुकसान की सूचना प्रशासन को दी। प्रशासन की पूरी टीम मौके पर पहुंची और नुकसान का आंकलन किया गया। प्रशासन का कहना है कि सरकार की तरफ से जो भी मानक होंगे उनके अनुसार काश्तकारों को नुकसान हेतु मुआवजा दिया जाएगा। नंदप्रयाग की नगर पंचायत अध्यक्ष
हिमानी वैष्णव ने कहा कि ओलावृष्टि से काश्तकारों को काफी नुकसान हुआ है। लॉक डाउन में स्थानीय काश्तकारों द्वारा सब्जी उत्पादन कर नगर में घर- घर पहुंच रही थी। कल हुई ओलावृष्टि से काश्तकारों की सब्जियों और फलों व गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा नुकसान का आंकलन कर किसानों को मुआवजा दिया जाए। वहीं काश्तकार
राजेश्वरी देवी ने बताया कि उनकी लगभग सौ नाली भूमि पर सब्जी उत्पादन किया गया था।जो कल हुए ओलावृष्टि से पूरी तरह खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि यही उनका रोजी-रोटी का साधन था। अब उन्हें सरकार से उम्मीद है कि नुकसान का मुआवजा दिया जाए।
दशोली ब्लाक के आधा दर्जन गांवों में ओलावृष्टि से फसलों और सब्जियों को भारी नुकसान - पहाड़ रफ्तार