ये संकटा दौर मा
दगड़्यों ना उंड फुंड जावा
ना बैठा कैका घौर मा
ना कै बुलावा ना चाऽ पिलावा
ये संकटा दौर मा
बचावा अपड़ि जान तुम
करा चिन्ता अपड़ा नौनौं की
नि होलु कुछ द्वि चार दिन
नि लगली छ्वीं जु हौरूं की
ना ढळका सुदि सडकों मा
कै हैंका की सौर मा
ना कै बुलावा ना चाऽ पिलावा
ये संकटा दौर मा
ना रूप्या काम औला तब
ना बिमारी पर धौंस चलण
नि सम्झला जु बक्त पर
पछतौला हौर मुल्क जन्न
हमु तैं नि ह्वे सकदु कुछ
न रा तैं टिपोड़ मा
ना कै बुलावा ना चाऽ पिलावा
ये संकटा दौर मा
स्वरचित
सुनीता सेमवाल
अध्यापिका अनूप नेगी मेमोरियल पब्लिक इंटर कॉलेज गुलाबराय(रुद्रप्रयाग)