दारुण दुख में धीरज का इक कवच बनाए रखना, हिम्मत के शोलों को सदा हदय से लगाए रखना - भानु प्रताप सिंह

विपदाओं से लड़ना सीखो


विकट समय में विपदाओं से पार होना सीख लो
लहरों में आकर खुद ही पतवार होना सीख लो
ठोकर खाकर गिर जाए जो उठ जाना चलने के लिए
हर मुश्किल बाधा के लिए दीवार होना सीख लो
विकट समय में विपदाओं से पार होना सीख लो। 


दारुण दुख में धीरज का इक कवच बनाऐ रखना
हिम्मत के शोलों को सदा हृदय से लागाये रखना
विपरीत समय की राहों में भी फूल बिछाय रखना
दुख सुख दोनों दिल में रख अखवार होना सीख लो
विकट समय में विपदाओं से पार होना सीख लो। 


मेहनत की मेहंदी रंग देगी पर थोड़ी सी देर लगेगी
धैर्य धारण करना सीखा तो लाली बनकर खूब खिलेगी
ये हस्त रेखाएँ बन अपना अजब इतिहास रचेंगी 
मेहंदी के कालेपन से रविद्वार होना सीख लो
विकट समय में विपदाओं से पार होना सीख लो। 


आत्मबल है आवश्यक हर जंग के मैदान में
देह की है शक्ति सीमित अनंत शक्ति प्राण में
क्रूर की कृपाण से बढ़कर है शक्ति त्राण में
साहस रख उर में व भय पर सवार होना सीख लो। 
विकट समय में विपदाओं से पार होना सीख लो। 
---------------------- भानु प्रताप सिंह