भू - वैकुंठ धाम के साथ ही आज भविष्य बदरी के कपाट भी खुल गए हैं - संजय कुंवर भविष्य बदरी

  • चमोली जिले के जोशीमठ ब्लॉक के सुभाई गाँव में स्थित भविष्य बदरी धाम के कपाट भी आज देव मुहूर्त की बृहम् बेला पर खोल दिये गए हैं,यहाँ के मंदिर कपाट खुलने की परंपरा भी बदरीनाथ मंदिर से जुड़ी हुई है। जिस दिन एवं मुहूर्त पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलते हैं, ठीक उसी दिन एवं मुहूर्त पर ही भविष्य बदरी मंदिर के कपाट भी खोले जाते हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट इस बार 15मई को खोले गए। भविष्य बदरी सुभाई गांव के  सौरभ सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से बताया कि मंदिर के कपाट आज सुबह बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के देव मुहूर्त पर यहाँ भविष्य बदरी धाम के कपाट भी विधि विधान पूर्वक खोल दिये गए हैं। गौरतलब है कि भविष्य बदरी पहुंचने के लिए जोशीमठ-मलारी हाईवे पर सलधार तक 18 किमी का सफर वाहन से तय कर पांच किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। सौरभ सिंह ने बताया कि कपाट खुलने के मौके पर भगवान भविष्य बदरी का सादगी के साथ सामाजिक दूरी बनाते हुए अभिषेक  पूजन किया गया । विष्णु सहस्रनाम पाठ के बाद भगवान को केसर का भोग लगेगा।
    तब भविष्य बदरी में दर्शन देंगे बदरी विशाल
    मान्यता के अनुसार जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में भगवान नृसिंह की मूर्ति के एक हाथ की कलाई लगातार कमजोर हो रही है। जब वह टूटकर जमीन पर गिर जाएगी, तब जय-विजय पर्वत आपस में जुड़ जाएंगे और बदरीनाथ धाम जाने की राह अवरुद्ध हो जाएगी। कहते हैं कि इसके बाद भगवान बदरी विशाल अपने भक्तों को भविष्य बदरी धाम में ही दर्शन देंगे।