चमोली जिले के उच्च हिमालयी सिक्ख आस्था के संगम और उतराखंड के पाँचवें धाम श्री हेमकुंड साहिब के कपाट सादगी के साथ खुले। सुबह 10 बजे "जो बोले सो निहाल" के उद्घोष के साथ खुले श्री हेमकुंड साहिब के कपाट। कोविद्-19के नियमों के साथ करीब 200 श्रधालुओं ने टेका श्री हेमकुंड साहिब धाम में मत्था।खुशगवार मौसम के बीच श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र दंडी पुष्करणी अमृत सरोवर में आस्था की डुबकी।
सादगी और धार्मिक श्रद्धा के साथ हिंदू सिक्ख धार्मिक आस्था के संगम तीर्थस्थल श्री लोकपाल और हेमकुंड साहिब के कपाट आज ठीक 10बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये गए।जहाँ हुक्म नामे के साथ साल की पहली अरदास के मध्य श्री हेमकुंड साहिब के कपाट आम श्रधालुओं के दर्शन के लिए खुल गए हैं।
पहले दिन पहुंचे 200 श्रद्धालु...
हेमकुंड साहिब के लिए तड़के तीन बजे गोविंद धाम घांघरिया से श्रद्धालुओं की पहली संगत श्री लोकपाल हेमकुंड साहिब के आस्था पथ के लिए रवाना हुई।जो लोकपाल महाराज और गुरु महाराज के जयकारे लगाते हुए पांच किलोमीटर की पैदल दुर्गम चढ़ाई के बाद धाम पंहुचा। खबर है पहले दिन लगभग 200 श्रद्धालुओं ने सादगी के दरबार साहिब में मत्था टेक देश को खुशहाली और कोरोना मुक्त करने की दुआ मांगी।श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र दंडी पुष्करणी सरोवर में आस्था की डुबकी।हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने के बाद मुख्य ग्रंथी ने साल की पहली गुरु अरदास पढ़ी। अरदास के बाद सुखमणि साहिब का पाठ हुआ।दरबार साहिब में गुरुद्वारा प्रबंधन द्वारा कोविद् 19के नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया साथ ही सभी तीर्थयात्रियों ने सामाजिक दूरी के साथ मास्क पहन कर नियमों का पालन किया। श्रद्धालुओं ने सुहावने मौसम के बीच पवित्र अमृत सरोवर में डुबकी लगाई और दरबार साहिब सहित श्री लोकपाल मंदिर में मत्था टेका।