आज भी उपेक्षित है प्रथम विश्व युद्ध के योद्धाओं का स्मारक। विश्व युद्ध में जाने के दिन उर्गम घाटी बडगिंडा गाँव के स्व अमर सिह उर्फ अमरदेव पल्ला गाँव के गणेश सिह और देवग्राम के विजय सिह नेगी ने सन 1914 में विश्व युद्ध में जाते समय उर्गम घाटी की ग्राम पंचायत ल्यांरी थैणा और सलना गाँव के बीच गौरांगणा नामक स्थान पर एक स्मारक का निर्माण किया था कि जो पहले जीवित आयेगा वो एक पत्थर निशान हेतु इस स्थान पर रखेगा।
अंग्रेजो के अधीन भारतीय सेना की तरफ से तीनों योद्धा ने 1914 से 1919 तक फ्रांस में युद्ध लडा जिसमें से केवल देवग्राम के विजय सिंह और गणेश सिहं ही वापस आये और उन्होंने इस स्थान पर पहले के तीन पत्थरों में से दो पत्थर हटा दिये क्योंकि युद्ध में जाते समय तीनों ने अपने नाम के एक एक पत्थर रख दिये थे और कहा था कि यदि जो जीवित आयेगा वह अपने नाम का पत्थर हटा पहले विजय सिह लौटे उसके बाद गणेश सिहं केवल अमरदेव उस युद्ध मे शहीद हो गया। स्व अमर सिंह उर्फ अमरदेव के घर में सतेन्द्र पवांर के पास वो मेडल आज भी मौजूद है शेष दोनोें अन्य योद्धाओं का मेडल की जानकारी नही मिल पायी है । जिन पर अंकित है He died for freedom and honovr Amer Singh 1914 to 1919 fast word war no 1019 resvt amar Singh 2/39 gadhwaal refls 1914 to 1915