जोशीमठ : सैकड़ों श्रधालुओं की उपस्थिति में उर्गम घाटी के उच्च हिमालयी विष्णु धाम फ्यूलानारायण मंदिर के कपाट विधिविधान से हुए शीतकाल हेतु बंद,फ्यूलानारायण धाम में विष्णु भगवान चतुर्भुज रूप में ही विराजमान,उतराखंड का सबसे अनोखे उच्च हिमालयी विष्णु धाम है फ्यूलानारायण धाम,यहाँ महिला पुजारी "फ्यूलाण" करती है श्री हरि का दैनिक फूल श्रंगार।
उर्गम घाटी के उच्च हिमालय में लगभग 12हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित भगवान विष्णु के स्वरूप फ्यूला नारायण धाम के कपाट आगामी शीत काल हेतु बंद कर दिए गए है। उर्गम घाटी की भेटा ,भर्की, गवाणा ,अरोशी सहित उर्गम घाटी के सेकड़ों लोग आज फ्यूला नारायण धाम के कपाट बंद होने के शुभ अवसर को लेकर फ्यूला नारायण धाम पहुंचे जहाँ आज श्री हरि भगवान के पसन्दीदा सत्तू व मक्खन का भोग लगाया गया ।
दोपहर ठीक 3बजे भगवान नारायण के कपाट हवन पूजा की विधि विधान के साथ बंद कर दिए गए।बता दें कि इस पौराणिक मंदिर में ठाकुर जाति का पुजारी होता है।यह मंदिर दक्षिण शैली में बना है। हर दिन फुलवारी से फूल तोड़कर भगवान फ्यूलानाराण का श्रृंगार महिला पुजारी जिसे फ्यूलान कहते उनके द्वारा किया जाता था। भगवान के भोग के लिए गाय का दूध व मक्खन प्रयोग में किया जाता है। पुजारी हर्ष वर्धन सिंह चौहान ने बताया की भगवान की चल विग्रह मूर्ति को भर्की में लाया गया है जहाँ उनकी शीतकालीन पूजा होगी।इसी के साथ गाय, चिमटा,और घंटी भी वापस लाये गए।