उत्तराखंड के छोटे से गांव डूंडेख की स्मिता देवरानी बनीं मेजर जनरल

छोटे से गाँव डूंडेख की दो बहनें ब्रिगेडियर बड़ी बहन स्मिता देवरानी बनीं मेजर जनरल - कमलेश कोटनाला, कोटद्वार।  देवभूमि उत्तराखंड के ग्राम डुंडेख डाडामंडी ब्लॉक द्वारीखाल की स्मिता देवरानी ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन।
आपको बता दे की स्मिता देवरानी ब्रिगेडियर के पद से मेजर जनरल के पद के लिए पदोन्नति हुई है। इनके परिवार का भी गौरवशाली इतिहास रहा है,
इनके दादा स्व: भोलादत्त देवरानी जी केंद्र सचिवालय मे उच्च पद पर कार्यरत थे एवं गढ़वाली साहित्य के प्रसिद्ध लेखक भी थे , जिनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाओं में से नल दमयन्ति , पाखू घस्यारी और मलेथा के फूल रही हैं।
भोलादत्त जी के एक पुत्र रमेश चन्द्र देवरानी खेल सचिव दिल्ली रह चुके हैं। दूसरे पुत्र श्री सुरेश चन्द्र देवरानी निर्देशक (FRI) पूर्व मुख्य सचिव नागालैंड रहे हैं।
स्मिता देवरानी श्री शम्भू प्रसाद देवरानी जी की सुपुत्री है जो वर्तमान मे ब्रिगेडियर पद पर लखनऊ मे कार्यरत हैं और शीघ्र ही अक्टूबर माह तक मेजर जनरल पद ग्रहण कर लेंगी।
इनकी बड़ी बहन अमिता देवरानी पुणे मे ब्रिगेडियर के पद पर कार्यरत हैं। इनका हमेशा गरीब एवं असहाय लोगों के लिए एक बहुत बड़ा योगदान रहता है। इनके पूरे परिवार ने न केवल क्षेत्र का अथवा पूरे देश का भी नाम रोशन किया है। इस परिवार के और भी अन्य लोग देश की सेवा मे कार्य कर रहे हैं।
ब्लॉक के डुंडेख गांव में जन्मी स्मिता देवरानी ने देश तथा उत्तराखंड का नाम रोशन कर दिया है ब्रिगेडियर पद पर आसीन स्मिता देवरानी का चयन अब मेजर जर्नल पद पर हो चुका है सबसे खास बात यह है कि स्मिता देवरानी और उनकी बहन अनिता देवरानी दोनों भारतीय सेना में ब्रिगेडियर पद पर आसीन हैं। डुंडेक गांव का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है इस गांव के लोग आईएएस आईपीएस आईएफएस डॉक्टर जैसे बड़े पदों पर आसीन हैं विभिन्न प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में रहकर इन लोगों ने देश तथा उत्तराखंड का नाम रोशन किया है स्मिता देवरानी प्रख्यात लेखक श्री भोला दत्त देवरानी जिन्होंने” मलेथा की कूल “नामक प्रसिद्ध किताब लिखी थी उनके पुत्र शंभू प्रसाद देवरानी की पुत्रियां हैं स्मिता देवरानी और अनीता देवरानी दोनों भारतीय सेना में ब्रिगेडियर पद पर आसीन हैं। दोनों बहनें एक ब्रिगेडियर एक मेजर जनरल स्मिता देवरानी वैसे तो उत्तराखंड वीरों की भूमि है और यहां मेजर जनरल जर्नल थल सेनाध्यक्ष जैसे बड़े पदों पर लोग रहे हैं लेकिन छोटे से गांव जुड़े स्मिता देवरानी ने उत्तराखंड का गौरवशाली इतिहास रच दिया है।