जय श्री बद्री विशाल
- 🙏 तेल कलश 🙏
भक्ति भाव में डूब रहीं ,
नरेंद्र नगर की वादियां,
पीत वसन ओढे आई हैं ,
राजभवन की नारियां |
गुंजन ढोल दमाऊं का ,
बाज रही रणभेरी ,
करते हैं जय कार प्रभु ,
हे बद्रीनारायण तेरी |
पीस रहीं तिल तेल को ,
हरीभक्तिन वधुएं साथ |
लागे जो तिल तेल तन,
होंगे मुदित श्रीनाथ |
लाए सोहे रजत कलश ,
अतिशय सुंदर चित्र |
भरते तिल का तेल वहां ,
उत्साह है अति विचित्र |
डिम्मर से बडवा आते हैं ,
अति महान सुख पाते हैं ,
नरेंद्र नगर से तेल कलश,
डिम्मर भूमि ले जाते हैं |
मध्य मार्ग में दर्शन का ,
मिलता है सौभाग्य ,
कहती हिम पुत्री पट खुले,
तब संवरे भक्तों का भाग्य |
ज्योतिर्मठ जाता कलश,
नरसिंह मंदिर में पूजा |
लीला होती नाथ की ,
हरि सम प्रिया न दूजा |
जो खुलते पट वैकुंठ के ,
दे तेल प्रभु के हाथ ,
भक्त लगाते नाथ को
भक्ति प्रेम प्रसाद |
अर्पण करती किरन प्रभु
भक्ति शब्द समेट,
दे दो नाथ नारायणा,
प्रभु दर्शन की भेंट.
.........हिमपुत्री किरन पुरोहित
ग्राम - बरसाली
जिला.... चमोली